1. विदेशी भूमि में प्रवेश (पद 24):
- येसु का कलीसिया के बाहर जाना उनके मिशन की व्यापकता को दर्शाता है। वह केवल यहूदियों के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए मसीह हैं।
2. स्त्री का आगमन (पद 25-26):
- एक यूनानी महिला, जो सूरे-फ़ीनिकिया की निवासी थी, अपनी बेटी के लिए मदद मांगती है। यह दृश्य हमें विश्वास की शक्ति और येसु की करुणा को दर्शाता है।
3. संवाद (पद 27):
- येसु कहते हैं, "बच्चों को पहले तृप्त होने दो, क्योंकि बच्चों की रोटी लेकर कुत्तों को डालना ठीक नहीं है।" इस वक्तव्य का अर्थ है कि यहूदियों के लिए संदेश पहले आना चाहिए, परंतु इसका उद्देश्य सबको तृप्त करना है।
4. स्त्री का उत्तर (पद 28):
- स्त्री विनम्रतापूर्वक उत्तर देती है, "सही है, प्रभु, परंतु कुत्ते भी मेज़ के नीचे से बच्चों की छोड़ी हुई रोटी खाते हैं।" यह उत्तर उसकी विश्वास और बुद्धिमता को दर्शाता है।
5. चमत्कार (पद 29-30):
- येसु उसकी विश्वास को देखकर कहते हैं, "तेरे इस वचन के कारण, जा, दुष्ट आत्मा तेरी बेटी में से निकल गया है।" और जब वह अपने घर लौटती है, उसकी बेटी स्वस्थ होती है।
धार्मिक संदेश
इस घटना से हम कई महत्वपूर्ण शिक्षाएं प्राप्त करते हैं:
- विश्वास की शक्ति: स्त्री का विश्वास उसे चमत्कार प्राप्त करने में मदद करता है।
- येसु की करुणा: येसु सभी के लिए करुणामयी हैं, चाहे वे यहूदी हों या गैर-यहूदी।
- सर्वजनता का संदेश: मसीह का संदेश सीमाओं से परे है और सभी के लिए उपलब्ध है।
प्रार्थना
प्रिय प्रभु परमेश्वर,
हम आपके अद्भुत करुणा और प्रेम के लिए धन्यवाद करते हैं। हमें विश्वास के मार्ग पर चलने की शक्ति दें, जैसा कि सूरे-फ़ीनिकिया की स्त्री ने दर्शाया। हमारी कलीसिया को एकता, विश्वास, और सेवा की भावना से भरें, ताकि हम सभी लोगों को आपके दिव्य प्रेम का अनुभव करा सकें।
आमेन।

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